Priyanka06

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लेखनी प्रतियोगिता -15-Sep-2022 बचपन के दोस्तों की यादें

शीर्षक-बचपन के दोस्त की यादें


बचपन के दोस्त,
होते हैं बड़े अनमोल।
करते खूब मौज मस्ती,
बचपन की बातें होती प्यारी।।

कभी लड़ते, कभी झगड़ते,
पल में ही झगड़ा सुलझाते।
एक साथ होकर इकट्ठा,
अनेक खेल खेला करते।।

सभी मित्र बनते रेल के डिब्बे,
एक दूसरे के पकड़ते कपड़े।
छुक -छुक करके आगे बढ़ते,
खेल तो देखो होते बड़े निराले।।

जब भी आती बरसात,
सभी बनाते कागज की नाव।
नदिया होती उनके गड्ढे,
सरपट सरपट नाव दौड़ाते।।

माचिस के खाली डिब्बे,
बनाते थे उसके सोफे।
मिट्टी का घर बनाते,
उसमें अपना सपना सजाते।।

दोस्तों का टिफिन खाता,
अपना टिफिन कभी ना भाता।
मिलजुल कर हम खाते,
ऐसे अपनी दोस्ती निभाते।।

बचपन की दोस्ती में ना होती ईर्ष्या,
सभी में होती प्रेम भावना।
निश्चल प्रेम का होता त्याग,
बचपन की दोस्ती होती खास।।

टायर के पहिए संग चलाते,
एक दूसरे के पीछे भागते।
जब लग जाती चोट,
मन में ना होता फिर भी खोट।।

बचपन के दोस्तों की बातें
जितना लिखो कम पड़ जाते खाते।
ऐसी थी हमारी दोस्ती,
उनकी यादों को रखे हैं संजोये।।

writer by
Priyanka bhutada

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8 Comments

Pratikhya Priyadarshini

16-Sep-2022 04:47 PM

Achha likha hai 💐

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Punam verma

16-Sep-2022 08:30 AM

Nice

Reply

Abhinav ji

16-Sep-2022 07:38 AM

Nice 👍

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